Jul 01, 2024
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फिश ऑयल ओमेगा-3 फैटी एसिड का रॉकस्टार सप्लीमेंट है। लेकिन क्या आप जानते हैं फिश ऑयल ब्रेन की हेल्थ को भी सुधारता है? ऑली फिश जैसे सैल्मन, मैकेरल और ट्राउट के टिशू से उत्पन्न फिश ऑयल में ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे ईकोसापेंटेनोइक एसिड (EPA) और डोकोसाहेक्सानोइक एसिड (DHA) होते हैं। ये न्यूट्रिएंट्स आपके शरीर में प्राकृतिक रूप से नहीं बनते हैं, इन्हें आप सप्लीमेंट के रूप में ले सकते हैं। फिश ऑयल सप्लीमेंट में फिश ऑयल कैप्सूल, लिक्विड और सॉफ्ट जेल शामिल हैं। ये सप्लीमेंट्स आपकी ब्रेन हेल्थ को सपोर्ट करते हैं, कॉग्निटिव फंक्शन को सुधारते हैं, मेमोरी और मूड रेगुलेशन में मदद करते हैं। चलिए फिश ऑयल ब्रेन हेल्थ को क्या फायदे पहुंचाता है विस्तार से जानते हैं।
1. फिश ऑयल के क्या कॉग्निटिव बेनेफिट्स हैं?
2. आहार विशेषज्ञ की सलाह
3. निष्कर्ष
4. सामान्य प्रश्न
5. संदर्भ
फिश ऑयल के ब्रेन और कॉग्निटिव हेल्थ बेनेफिट्स दिए हुए हैं इन्हें जानते हैं:
फिश ऑयल में डीएचए न्यूरॉन्स को लाभ पहुंचाता है, जो न्यूरॉन्स में मेंब्रेन डायनामिक्स को बढ़ाता है और कोग्निटिव प्रोसेस के लिए आवश्यक है।
ईपीए और डीएचए विभिन्न तंत्रों के माध्यम से न्यूरोप्रोटेक्टिव प्रभाव डालते हैं, जिसमें ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करना, न्यूरोजेनेसिस (नए न्यूरॉन्स का निर्माण) को बढ़ावा देना और ब्रेन डिराइव्ड न्यूरोट्रॉफिक कारक (BDNF) के स्तर को बढ़ाना शामिल है, जो न्यूरोनल सर्वाइवल, विकास और सिनैप्टिक प्लास्टिसिटी को सपोर्ट करता है। न्यूरोप्रोटेक्टिव इफेक्ट्स आपके ब्रेन के नर्व सेल्स को हैप्पी, हेल्दी और एक्टिव रखते हैं।
ओमेगा-3 फैटी एसिड में खासकर ईपीए एंज़ाइमेटिक मैटाबॉलिज़म के लिए प्रो-इंफ्लेमेटरी ओमेगा-6 फैटी एसिड के साथ कम्पीट करता। यह आपके ब्रेन और शरीर के दूसरे अंगों में सूजन कम करने में मदद करता है।
ईपीए और डीएचए ब्रेन में जीन एक्सप्रेशन को नियंत्रित करता है, जिससे प्रोटीन बनता है। यह प्रोटीन न्यूरो प्रोटेक्शन, सिनैप्टिक प्लास्टिसिटी और न्यूरोट्रांसमीटर रेगुलेशन में शामिल होता है। यह रेगुलेटरी रोल फिश ऑयल के कॉग्निटिव को बढ़ावा देने वाले प्रभावों में योगदान करती है।
कई क्लीनिक शोधों के मुताबिक फिश ऑयल से कॉग्निटिव फंक्शन में सुधार आता है। उदाहरण- एक नियंत्रण प्रशिक्षण के दौरान देखा गया व्यक्ति के ध्यान, मेमोरी और कॉग्निटिव फंक्शन में फिश ऑयल लेने से सुधार हुआ। ये सुधार हल्के कॉग्निटिव इंपेयरमेंट और डिप्रेशन और एंज़ाइटी डिसऑर्डर वाले व्यक्तियों में देखा गया।
न्यूरोइमेजिंग स्टडी के अनुसार, फिश ऑयल का लंबे समय तक सेवन करने से ब्रेन में स्ट्रक्चरल बदलाव आते हैं जैसे जैसे मेमोरी और एक्ज़िक्यूशन कार्य से संबंधित क्षेत्रों में ग्रे मैटर की मात्रा में बढ़ जाती है।
एपिडेमियोलॉजिकल स्टडी में पाया गया कि ओमेगा-3 फैटी एसिड का सेवन करने से कॉग्निटिव गिरावट का रिस्क कम होता है और अल्ज़ाइमर जैसी बीमारियों का खतरा भी कम रहता है।
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एक डाइटीशियन होने के नाते मैं, ब्रेन हेल्थ को बेहतर बनाने के लिए फिश ऑयल का सेवन करने की सलाह दूंगी। इसमें ईकोसापेंटेनॉइक एसिड (EPA) और डोकोसाहेक्सानोइक एसिड (DHA) जैसे ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं, जो आपके कॉग्निटिव फंक्शन के लिए महत्वपूर्ण है। फिश ऑयल सप्लीमेंट के सेवन के लिए आप टोनऑप केयर के फिश ऑयल कैप्सूल ले सकते हैं। हालांकि किसी भी सप्लीमेंट को लेने से पहले डॉक्टर का परामर्श लेना सही होगा। वे आपको सही सप्लीमेंट का सही डोज़ बताने में मदद कर सकते हैं।
डॉ. अदिति उपाध्याय
फिश ऑयल ब्रेन की हेल्थ को बेहतर करने के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण सप्लीमेंट है। फिश ऑयल में ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे ईकोसापेंटेनॉइक एसिड (EPA) और डोकोसाहेक्सानोइक एसिड (DHA) होते हैं। यह ब्रेन स्ट्रक्चर को सपोर्ट करता है, इन्फ्लेमेशन से लड़ने में मदद करता है और आपकी मेमोरी और मूड को सुधारता है।