जन्म से ही हमारे जीवन में कई पड़ाव आते हैं जिन्हें हम समय-समय पर पार करते हैं। जीवन की इस यात्रा में एक पड़ाव एजिंग भी है। ये जीवन का वह पड़ाव है जिसमें हमारे शरीर में कई रसायनिक बदलाव होते हैं। एजिंग आपके शरीर में कई हॉर्मोनल चेंजेस से भी होती है। आपकी त्वचा पर एजिंग की झलक नज़र आने के कई कारण हो सकते हैं जैसे बाहरी पर्यावरण का तनाव, जेनेटिक्स आदि। आज के इस ब्लॉग मे हम एजिंग के चेहरे पर झुर्रियां आने जैसे सात प्रमुख लक्षणों के बारे में जानेंगे।
हमारा चेहरा एजिंग की कई प्राकृतिक गतिविधियों से होकर गुज़रता है। इसके लक्षण हमारे चेहरे पर स्पष्ट दिखाई देते हैं जैसे-
एजिंग का सबसे पहला और महत्वपूर्ण लक्षण है झुर्रियां और फ़ाइन लाइन्स आना। झुर्रियां और फ़ाइन लाइन्स आने का मुख्य कारण त्वचा में कोलेजन और इलास्टिन फ़ाइबर्स का टूटना है। कोलेजन और इलास्टिन फ़ाइबर्स हमारी त्वचा में लोच और लचीलापन लाने का काम करते हैं। इनका ब्रेकडाउन आपके स्किन में सिकुड़न लाता है। खासकर आंख, माथे और मुंह के आसपास की त्वचा पतली होती है इसलिए यहां झुर्रियां जल्दी दिखने लगती हैं।
एजिंग में चेहरे की त्वचा ढीली होने लगती है। ऐसा कोलेजन और इलास्टिन प्रोटीन के खत्म होने से होता है। यही नहीं गुरुत्वाकर्षण से भी चेहरे की कमज़ोर त्वचा लटकने लगती है। जो शार्प जॉ लाइन और चीक बोन्स कभी आपकी खूबसूरती का कारण होते थे वहां की स्किन भी अब ढीली हो जाती है।
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एजिंग का तीसरा लक्षण फेस वॉल्यूम में कमी आना है। चेहरे के फैट पैड्स बढ़ती उम्र के साथ कम होने लगते हैं जिससे चेहरा धंसा हुआ दिखता है। खासकर गाल और आंखों के नीचे आपके चेहरे का वॉल्यूम कम हो जाता है। इससे इन जगहों पर झुर्रियां आने लगती हैं।
असामान्य स्किन टोन एजिंग का सबसे आम लक्षण है। त्वचा में असामान्य टोन सूर्य में ज्यादा निकलने और पर्यावरण में प्रदूषण के कारण होता है। इससे हाइपर पिगमेंटेशन, एज स्पॉट्स, और स्किन का टेक्सचर डैमेज होने जैसी समस्याएं शामिल हैं। साथ ही बढ़ती उम्र के साथ त्वचा की नवीनीकरण की प्रक्रिया भी धीमी पड़ने लगती है, जिससे डेड स्किन सैल्स बढ़ जाती है और कॉम्प्लेक्शन डल होता है। ग्लूटाथिओन स्किन को इवन टोन करने के लिए एक सर्वोत्तम सप्लीमेंट है जो आसानी से मार्किट में उपलब्ध है। ToneOp Care Skin 360 Glutathione Tablets एक प्रीमियम स्किन पप्रोडक्ट है।
एजिंग में आंखों के आसपास की त्वचा पतली होने लगती है। इससे आंखों के आसपास सूजन, काले गड्ढे और झुर्रियां नज़र आती हैं। कोलेजन की कमी से आंखों की पलकें गिरने और फड़कने लगती हैं।
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आपके चेहरे के बाल एजिंग में बड़ा योगदान रखते हैं। एजिंग में आपके चेहरे के बालों का रंग और टेक्स्चर भी बदलने लगता है। आपके बालों के बदलते रंग का मुख्य कारण मेलेनिन के निर्माण में कमी और हेयर फॉलिकल्स के फंक्शन में बदलाव आना है।
एंजिंग में मसल एट्रोफी और कनेक्टिव टिशू में कमज़ोरी आती है चेहरे के मांस कम होने लगता है और चेहरे की बनावट बदलने लगती है। इससे चेहरे में गिरावट या चेहरा मुरझाया हुआ दिखता है। खासकर मुंह और जबड़े के पास की मांसपेशिया कमज़ोर होने लगती हैं।
हर व्यक्ति में एजिंग होती है। एजिंग जीवन का एक पड़ाव है जिसे सभी पार करते हैं। इसके कुछ लक्षण जैसे झुर्रियां, फाइन लाइन्स और चेहरे बनावट बदलना आदि इसमें शामिल होते हैं। ऐसा कोलेजन और इलास्टिन फाइबर की कमी से होता है। इसके लिए आपको अच्छे विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए और अच्छा आहार लेना चाहिए। आप उम्र के साथ होने वाले बदलावों को सुरक्षित प्रीमियम सप्लीमेंट्स जैसे क्रिल आयल या फिश आयल भी ले सकते हैं।