Jul 05, 2024
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मल्टीविटामिन्स की जितनी आवश्यकता हम बड़ों को होती है उतनी ही बच्चों को भी होती है। बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास में मल्टीविटामिन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बच्चों के लिए मल्टीविटामिन विशेष रूप से तैयार किए गए सप्लीमेंट्स हैं जो आवश्यक विटामिन और मिनरल प्रदान करने के लिए तैयार किए गए हैं। ये मल्टीविटामिन बच्चों के इम्यून फंक्शन, हड्डियों के विकास और कॉग्निटिव डेवलपमेंट में मदद करते हैं। ये खासकर उन बच्चों के लिए हैं जो खाने में नखरे करते हैं या जिनमें पोषक तत्वों की कमी होती है। आज हम बच्चों के स्वास्थ्य में मल्टीविटामिन किस तरह अपनी भूमिका निभाते हैं और उनके फायदों को विस्तार से जानेंगे।
बच्चों को मल्टीविटामिन देने का मकसद उनकी पोषक तत्वों की कमी को पूरा करना है। मल्टीविटामिन बच्चों के इम्यून फंक्शन, कॉग्निटिव हेल्थ और हड्डियों के विकास में मदद करते हैं। चलिए मल्टीविटामिन्स के ऐसे ही कुछ फायदों और उन्हें देने के तरीकों को विस्तार से जानते हैं:
बच्चों में बहुत ही जल्दी शारीरिक और मानसिक विकास होने लगता है, जिसके लिए उन्हें सही पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। मल्टीविटामिन्स के पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने का बेहतरीन तरीका है। विटामिन डी बच्चों की हड्डियों के विकास और इम्यून फंक्शन में मदद करता है। विटामिन बी मेटाबॉलिज़्म और न्यूरोलॉजिकल स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
मल्टीविटामिन को बच्चों की उम्र के अनुसार देना चाहिए। उदाहरण- शिशुओं को अधिक पोषक तत्वों की ज़रूरत होती है जैसे आयरन उनके ब्रेन का विकास करता है। बड़े बच्चों को कैल्शियम और विटामिन डी की आवश्यकता होती है जिससे उनकी हड्डियों का विकास सही तरह से हो सके।
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बच्चों के विटामिन अक्सर बहुत ही आकर्षक रूप में तैयार होकर आते हैं, जिससे उन्हें वे आसानी से लेने के लिए तैयार हो जाते हैं। ये चबाने वाले टैबलेट या कैंडी होते हैं और ये अलग-अलग फ्लेवर में तैयार किए जाते हैं। इससे बच्चे इन सप्लीमेंट्स को आसानी से ले लेते हैं और उनकी विटामिन्स और अन्य पोषक तत्वों की कमी भी पूरी हो जाती है।
संतुलित आहार लेना अच्छे स्वास्थ्य की नींव माना जाता है, बच्चे बहुत चूज़ी होते हैं इसलिए उनकी डाइट में पोषक तत्वों की कमी आ जाती है। मल्टीविटामिन्स न्यूट्रिशनल इंश्योरेंस की तरह काम करते हैं, जिससे उनकी प्रतिदिन की विटामिन्स की कमी पूरी होती है। विटामिन्स और मिनरल्स बच्चों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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कुछ विटामिन या मिनरल के ओवर डोज़ के दुष्प्रभावों से बचने के लिए विशेषज्ञ द्वारा सुझाए गए डोज़ का पालन करना ज़रूरी है। उदाहरण- विटामिन ए को अधिक मात्रा में लेने से टॉक्सिसिटी बढ़ जाती है, जबकि आयरन का ओवर डोज़ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिस्ट्रेस का कारण बनता है। आहार विशेषज्ञ या हेल्थ केयर एक्सपर्ट आपके बच्चे की उम्र, वज़न और न्यूट्रिशन की ज़रूरतो के अनुसार डोज़ तैयार करते हैं।
मल्टीविटामिन्स को किसी भरोसेमंद ब्रांड से ही लेना चाहिए जो उसकी क्वालिटी और सेफ्टी को सुनिश्चित करता है। उन प्रोडक्ट्स को चुनें जो किसी ने इस्तेमाल किए हों या डॉक्टर द्वारा सुझाए गए हों।
एक डाइटीशियन के रूप में, बच्चों को मल्टीविटामिन्स लेने का सुझाव दूंगी, ये आहार में हो रही पोषक तत्वों की कमी को पूरा करते हैं। जैसा कि मैं बैलेंस्ड डाइट को महत्वपूर्ण मानती हूं, मैं इस बात को भी मानती हूं कि बच्चों के पोषक तत्वों की कमी सिर्फ खाना खाने से पूरी नहीं होती है। मल्टीविटामिन्स के सप्लीमेंट्स में आप टोनऑप केयर की विटामिन 360 का उपयोग कर सकते हैं। ये सर्टिफाइड टेबलेट्स आपके बच्चे की न्यूट्रिशन की कमी को पूरा करती हैं। हालांकि इन्हें लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना महत्वपूर्ण होगा, वे आपको सही खुराक बताएंगे। ध्यान रखें कि ये बच्चे के लिए सप्लीमेंट्स ये आपके बच्चे के भोजन का रिप्लेसमेंट ना बनें।
डॉ. अदिति उपाध्याय
बच्चों की पोषक तत्वों की कमी सिर्फ खाने से पूरी नहीं होती। वे चूज़ी होते हैं, जिस वजह से उनके भोजन में सही न्यूट्रिएंट्स नहीं होते। अक्सर बच्चों को कैंडी या गमी जैसे प्रोडक्ट आकर्षित करते हैं, इसलिए बच्चों के मल्टिविटामिन सप्लीमेंट्स को इस तरह तैयार किया जाता है कि वे उन्हें आसानी से ले सकें। मल्टीविटामिन्स बच्चों के इम्यून हेल्थ और शारीरिक और मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। हालांकि ये सप्लीमेंट्स बच्चों को डॉक्टर की निगरानी में दिए जाने चाहिए।