Jun 19, 2024
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क्या आपको भी कब्ज़ है? समझ नहीं पा रहे क्या खाएं और क्या नहीं? कब्ज़ बहुत ही आम समस्या है। यह लगभग हर व्यक्ति को हो जाती है। हालांकि बैलेंस्ड डाइट और फाइबर युक्त भोजन लेने से इससे बचा भी जा सकता है।
भारत में लगभग 16.8 प्रतिशत व्यक्ति इससे ग्रस्त हैं। ये क्रोनिक भी हो सकता है, खासकर वृद्ध लोगों में। कब्ज़ ज्यादातर शरीर में फाइबर और पानी की कमी से होता है। कब्ज़ से आप तनावग्रस्त हो सकते हैं। इसलिए आपको दवाओं का सेवन करना पड़ता है। लगभग मामलों में कॉन्स्टिपेशन रिलीफ फूड और रेगुलर एक्सरसाइज़ कब्ज़ से अच्छा आराम दिलाते हैं। आज हम कुछ ऐसे आहार के बारे में जानेंगे जो कब्ज़ से राहत दिलाते हैं।
सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व जो आपको अपने आहार में शामिल करना चाहिए वो है फाइबर। फाइबर आपको इन कॉन्स्टिपेशन रिलीफ फूड से मिल सकता है-
कीवी में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है। यह आपके स्टूल को निकालने में मदद करता है, जिससे कब्ज़ से राहत मिलती है। एक कीवी में 2.1 ग्राम डाइट्री फाइबर उपलब्ध होता है। यह मल की आवृत्ति को बढ़ाता है, मल को नरम करता है और मल की गति को सुविधाजनक बनाता है।
एक मध्यम आकार का केला करीब 3 ग्राम फाइबर दे सकता है। फाइबर कब्ज़ को रोकने और नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण है। यह ना केवल मल को नरम करने के लिए पानी को सोखता है बल्कि इंटेस्टाइनल ट्रैक्ट के ज़रिए मल की गति को भी सुधारता है।
सूखा आलूबुखारा कब्ज़ के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें उपस्थित फेनोलिक कंपाउंड, कब्ज़ से आराम दिलाने में मदद करता है।
कहते हैं एन एप्पल अ डे कीप्स डॉक्टर अवे ! सही ही कहते हैं। एक मध्यम आकार के सेब में 4.4 ग्राम फाइबर होता है और बाकी पेक्टिन होता है। अध्ययन के मुताबिक आंतों में जीवाणु पेक्टिन को शॉर्ट-चेन फैटी एसिड में तोड़ देते हैं। इससे पाचन सरल और बाउल गति सुधरती है।
नाशपाती में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है। नाशपाती में खासकर अघुलनशील फाइबर होता है जिससे मल का वॉल्यूम बढ़ता है और बाउल की गति भी बढ़ती है। एक मध्यम आकार की नाशपाती में 6 ग्राम फाइबर होता है। इसके अलावा नाशपाती में सोर्बिटोल, शुगर अल्कोहल होती है जिससे मल नरम होता है और आंतों के ज़रिए पैसेज को सुविधाजनक बनाता है। इससे कब्ज़ से राहत मिलती है।
कच्ची और सूखी दोनों ही प्रकार के अंजीर में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है, जिससे गट फ्लोरा स्वस्थ रखने में सहायता मिलती है। करीब 75 ग्राम सूखी अंजीर में 7.3 ग्राम और कच्ची अंजीर में 2 ग्राम फाइबर होता है। सूखे अंजीर में फ्रक्टन (घुलनशील फाइबर) होता है जो प्रिबायोटिक की तरह काम करता है। हेल्दी गट बैक्टीरिया प्रिबायोटिक को खाकर शॉर्ट-चेन फैटी एसिड बनाते हैं। इससे कब्ज़ से आराम मिलता है।
पालक सामान्य हरी पत्तेदार सब्ज़ी है जिसमे फाइबर होता है। पालर मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत है। मैग्नीशियम डाइजेस्टिव ट्रैक्ट और कोलॉन की मांसपेशियों को रिलैक्स करता है। रिलैक्स्ड कोलॉन्स मल की गति को सही करने में मदद करते हैं।
ओट्स फाइबर युक्त भोजन है, इसे खाने से कब्ज़ से आराम मिलता है। ओट्स में बीटा-ग्लूकॉन भी होता है, एक खास तरह का घुलनशील फाइबर जो गुड गट बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देता है। ये बैक्टीरिया पाचन को सुचारू बनाने में मदद करते हैं।
कब्ज के लिए आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले पारंपरिक उपचारों में से एक, अलसी है। इसमें घुलनशील फाइबर होता है। यह प्राकृतिक लैग्जेटिव के रूप में काम करता है। अलसी के बीज में लिगनेन भी होता है, जिसमें प्रीबायोटिक गुण हो सकते हैं। अंजीर में फ्रुक्टेन की तरह, लिगनेन लाभकारी गट बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा दे सकता है, जिससे पाचन में सहायता मिलती है।
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शकरकंद में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है जो स्टूल को सॉफ्ट करने में मदद करता है। शकरकंद में विटामिन ए होता है स्वस्थ इंटेस्टाइनल लाइनिंग को नियंत्रित करता है। स्वस्थ गट लाइनिंग पोषक तत्व ग्रहण करने और पाचन को सरल बनाने के लिए महत्वपूर्ण है।
प्रोबायोटिक्स लाभकारी माइक्रो ऑर्गेनिज़म हैं जिनके कई स्वास्थ्य लाभ हैं। इनमें बिफीडो बैक्टीरिया और लैक्टोबैसिली जैसे बैक्टीरिया होते हैं। ये पाचन तंत्र में अच्छे बैक्टीरिया के स्तर को बनाए रखने में मदद करते हैं। यह अच्छे पाचन में सहायता करता हैं और कब्ज से बचाता हैं।
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बतौर आहार विशेषज्ञ, मैं सलाह दूंगी कि आप कब्ज़ को नियंत्रित करने के लिए फाइबर युक्त भोजन लें। इसके अलावा कब्ज़ से बचाव के लिए टोनऑप केयर की Isab Go+ Sachets, दवा भी ले सकते हैं। इस दवा में इस्पेगुला हस्क और लैक्टिटोल मोनोहाइड्रेट होता है, जो पेट दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है। साथ ही ये पाचन तंत्र और बाउल की गति में समर्थन करती हैं। ये पाचन तंत्र को शक्ति, गैस और ब्लोटिंग में कमी, स्वस्थ बाउल गति और भोजन ग्रहण करने की क्षमता को सुधारती हैं।
डॉ. लवीना चौहान
कब्ज़, जीवन पर खतरा उत्पन्न करने वाली समस्या नहीं है। हालांकि, ज्यादा समय तक यदि कब्ज़ रहे तो डॉक्टर को ज़रूर दिखाएं। ये कई बड़ी बीमारी जैसे अल्सरेटिव कोलाइटिस, डायवर्टिक्यूलाइटिस, इंटेस्टाइनल ऑब्स्ट्रक्शन और इरीटेबल बाउल सिंड्रोम की चेतावनी भी हो सकती है। इसलिए, अपनी भोजन में कब्ज़ से राहत देने वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करें। साथ ही निरंत्रित रूप से एक्सरसाइज़ करें। एक्सरसाइज़ आंतों की मांसपेशियों को उत्तेजित करती है, स्टूल पैसेज में सहायता करती है और कब्ज़ से लड़ने में मदद करती है।